मुंबई: बॉलीवुड जगत की एक प्रतिष्ठित और गौरवशाली शाम में वरिष्ठ फिल्म पत्रकार और अधिवक्ता काली दास पाण्डेय को उनके लंबे और समर्पित योगदान के लिए ‘लीजेंड दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2025’ से सम्मानित किया गया। यह भव्य समारोह 4 मई को अंधेरी (वेस्ट), मुंबई स्थित क्लासिक क्लब में कृष्णा चौहान फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था।
इस सम्मान समारोह के आयोजक और फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. कृष्णा चौहान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस मौके पर बॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियाँ मौजूद रहीं, जिनमें प्रमुख रूप से लोकप्रिय पार्श्वगायक सुदेश भोसले, पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त गायक उदित नारायण, अभिनेता अली खान, टीवी और फिल्म अभिनेता सानंद वर्मा और मशहूर संगीतकार दिलीप सेन शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान जब काली दास पाण्डेय को मंच पर सम्मानित किया गया, तो वहां उपस्थित दर्शकों ने खड़े होकर तालियों के साथ उनका स्वागत किया। उन्हें यह पुरस्कार हिंदी फिल्म पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके चार दशकों से अधिक समय के योगदान के लिए दिया गया है।
काली दास पाण्डेय ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत 1981 में स्वतंत्र पत्रकार के रूप में की थी। उन्होंने झारखंड के जमशेदपुर से प्रकाशित हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘उदित वाणी‘ से अपने करियर की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक, वे हिंदी सिनेमा की दुनिया से जुड़े तमाम बदलावों और घटनाओं के साक्षी रहे हैं। उनकी लेखनी में फिल्मी दुनिया की गंभीरता, सरोकार और सामाजिक सोच की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है।
सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं, बल्कि काली दास पाण्डेय ने वकालत के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय पहचान बनाई है। उन्होंने 1992 में हजारीबाग (झारखंड) बार एसोसिएशन की सदस्यता लेकर अधिवक्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। वे अब भी दोनों क्षेत्रों में सक्रिय हैं और अपने अनुभवों से नई पीढ़ी को प्रेरणा दे रहे हैं।
सम्मान प्राप्त करने के बाद काली दास पाण्डेय ने आयोजकों और उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा, “यह सम्मान मेरे लिए सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उन सभी फिल्म पत्रकारों की मान्यता है जो वर्षों से पर्दे के पीछे रहकर ईमानदारी से सिनेमा की सच्ची तस्वीर पाठकों तक पहुँचाते रहे हैं।”
इस समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि फिल्म पत्रकारिता और वकालत जैसे क्षेत्रों में वर्षों से निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य कर रहे लोगों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। काली दास पाण्डेय जैसे व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।